अयोध्या: राम मंदिर निर्माण के पहले चरण के बाद अब द्वितीय अध्याय की शुरुआत हो चुकी है. 3 जून से लेकर 5 जून तक राम दरबार सहित कई देवालयों की प्राण प्रतिष्ठा का विराट आयोजन किया जा रहा है. श्रीराम जन्मभूमि के प्रथम तल पर भगवान श्रीराम, माता सीता और अन्य देवताओं की मूर्तियों की प्रतिष्ठा का महाअनुष्ठान पूरे वैदिक विधि-विधान के साथ संपन्न हो रहा है.
सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजामों के बीच श्रद्धालुओं का सैलाब अयोध्या में उमड़ पड़ा है. हर कोने पर पुलिस तैनात है और हाईटेक सीसीटीवी कैमरों से लगातार निगरानी हो रही है. मकराना के शुद्ध सफेद संगमरमर से बनी भगवान राम और माता सीता की मूर्तियां विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं.
अयोध्या की रामनगरी एक बार फिर ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बन रही है. राम मंदिर के द्वितीय अध्याय की शुरुआत हो चुकी है. इस चरण में मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार सहित अन्य देवालयों की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन किया जा रहा है. कल शाम सरयू तट से विशेष कलश यात्रा निकाली गई. इन कलशों में लाए गए पवित्र जल का उपयोग राम दरबार सहित छह अन्य मंदिरों के स्नान व प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में किया जाएगा.
3 जून की सुबह से ही राम मंदिर परिसर में मूल अनुष्ठान प्रारंभ हो गया। 101 वेदपाठी ऋत्विजों की टोली विशेष मंत्रोच्चार के साथ सभी अनुष्ठानों का संचालन कर रही है. इसी के साथ सूर्य मंदिर, जानकी माता मंदिर और हनुमान मंदिर की मूर्तियों की स्थापना प्रक्रिया भी आरंभ हुई.
पूरे राम जन्मभूमि परिसर में सुरक्षा के अभूतपूर्व प्रबंध किए गए। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है.हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए हाईटेक सीसीटीवी कैमरों की सहायता ली जा रही है.
इसी बीच मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. श्रीराम जन्मभूमि के प्रथम तल का शिखर अब स्वर्ण मंडित हो चुका है जो दूर से ही आस्था और भव्यता का प्रतीक बन रहा है.
भगवान श्रीराम और माता सीता की प्रतिमाएं राजस्थान के मकराना के शुद्ध सफेद संगमरमर से एक ही पत्थर से गढ़ी गई हैं. इन मूर्तियों को स्थापित कर भक्तों को दर्शन का सौभाग्य प्रदान किया जाएगा.