भारत आज एक नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रहा है. जम्मू-कश्मीर में बने विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उद्घाटन करेंगे . इसके बाद चिनाब ब्रिज बनाने वाले लोगों से भी मुलाकात करेंगे. चिनाब पर बने इस ब्रिज पर पीएम मोदी एक खास ट्रेन से यात्रा भी करेंगे. पीएम मोदी आज इस ब्रिज पर दौड़ने वालीं दो वंदे भारत ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाएंगे, जो इस क्षेत्र में रेल कनेक्टिविटी को और मजबूत करेंगी. चिनाब ब्रिज, जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेल आर्च ब्रिज है, भूकंपीय क्षेत्र पांच में स्थित है. यह ब्रिज दो पहाड़ों के बीच बना है, जहां तेज हवाओं की वजह से विंड टनल फिनोमेना देखा जाता है. इस चुनौती को ध्यान में रखते हुए, ब्रिज को 260 किलोमीटर प्रति घंटा की हवा की गति का सामना करने के लिए डिजाइन किया गया है. यह पुल चिनाब नदी पर बना है। इसकी ऊंचाई 359 मीटर है, जो एफिल टॉवर से भी ज्यादा है. यह 1,315 मीटर लंबा स्टील आर्च ब्रिज है, जिसे इस तरह से बनाया गया है कि यह भूकंप और तेज हवाओं को भी झेल सकता है.
1997 में शुरू हुआ था कश्मीर को रेल मार्ग ?
कश्मीर को रेल मार्ग से देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने की महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम 1997 में शुरू हुआ था. हालांकि, भूवैज्ञानिक, और मौसम संबंधी चुनौतियों के कारण परियोजना को पूरा करने की समयसीमा कई बार बढ़ाई गई, जिससे इसकी लागत बढ़ गई और यह 41,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि में पूरी हो पाई. कुल 272 किलोमीटर लंबी यूएसबीआरएल परियोजना के 209 किलोमीटर हिस्से का काम विभिन्न चरणों में पूरा किया गया. 118 किलोमीटर लंबे काजीगुंड-बारामूला खंड का पहला चरण अक्टूबर 2009 में पूरा हुआ. इसके बाद 18 किलोमीटर लंबा बनिहाल-काजीगुंड खंड जून 2013 में, 25 किलोमीटर लंबा उधमपुर-कटरा खंड जुलाई 2014 में और 48.1 किलोमीटर लंबा बनिहाल-संगलदान खंड पिछले वर्ष फरवरी में पूरा हुआ. 46 किलोमीटर लंबे संगलदान-रियासी खंड का काम भी पिछले साल जून में पूरा हो गया था, जबकि रियासी और कटरा के बीच 17 किलोमीटर का हिस्सा बचा था, जो आखिरकार पिछले साल दिसंबर में पूरा हुआ.
क्यों खास है कश्मीर वाली वंदे भारत?
यह वंदे भारत एक्सप्रेस विश्वसनीयता, सुरक्षा और यात्रियों के आराम को सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक एवं उन्नत सुविधाओं से युक्त है. इस वंदे भारत ट्रेन को कश्मीर घाटी की कठिन जलवायु परिस्थितियों में सुगम यात्रा प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे अब हर मौसम में कश्मीर घाटी तक पहुंचना आसान होगा और वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत, क्षेत्र में यात्री सेवाएँ एवं पर्यटन अनुभव बेहतर बनाएगी.
कश्मीर की बर्फीली वादियों में दौड़ेगी वंदे भारत ?
चिनाब नदी पार कर वंदे भारत ट्रेन कश्मीर की वादियों में अब दौड़ेगी. हल्की ठंडक और वसंत की खिलती बहार हिमालय की बर्फीली चोटियाँ, सेब के पेड़ों पर गुलाबी फूलों की चादर, और मैदानों की हरी घास यह सब अब सिर्फ कल्पना नहीं रहेगा, क्योंकि अब जल्द ही, यह सब आप अपनी आंखों के सामने, जम्मू कश्मीर के लिए स्पेशल डिजाइंड वंदे भारत ट्रेन में बैठकर देख सकेंगे. जैसे ही ट्रेन पहलगाम की घाटियों से गुजरेगी, हरियाली से सजी वादियाँ, दूर तक फैले चीड़ के जंगल और चरवाहों की झलक आपको एक लम्हे में रोक देंगे. देवदार की खामोशी को चीरती वंदे भारत की रफ्तार, तकनीक और प्रकृति का अद्भुत संगम जल्द ही आपको देखने को मिलेगा.